आज इस हिंदी कहानी(hindi kahaniyan) में आपको बताएंगे कि कैसे राबिया नाम की एक जंगल की परी(pari ki kahani), श्यामपुर गाँव के लोगों की मदद करती थी। जब राबिया परी को चुड़ैलों ने पकड़ लिया, तो गाँव के लोगों ने अपनी बहादुरी से राबिया परी को कैसे बचाया, ये नैतिक कहानी (moral stories )आपको जरूर पसंद आएगी
इसे भी पढ़ें:1-जादुई मनी प्लान्ट
pari ki kahani

श्यामपुर गांव के परी की कहानी(fair tales in hindi)

श्यामपुर नाम का एक गांव था जहां पानी की बहुत किल्लत है गांव में अंजली और मनोहर नाम के दो भाई बहन अपनी मां के साथ रहते थे।
 

pari ki kahani

अंजलि बोली—– मां, मनोहर अंजना के साथ सिनेमा हॉल गया था इसने सारे पैसे उस डायन पर खर्च कर दिए।
मनोहर बोला-—- तुम भी तो अपने सड़े हुए दोस्त के साथ पार्टी करने गई थी। मां इसने भी सारे पैसे वही खर्च कर दिए।
तब उसकी मां बोली —–अरे तुम लोग लड़ना बंद करो पुराने कुँए के पास चले जाओ, वहां वहां पर जंगल की परी पानी बांटने आ रही  है।
   
उसी गांव के जंगल में राबिया नाम की एक परी रहती थी । वह श्यामपुर गांव के लोगों की मदद करने आती थी। कभी वह गांव के लोगों के लिए खाना लेकर आती, ठंडी में लोगों के लिए कपड़े-कंबल लेकर आती थी ।
   

(fair tales in hindi)

राबिया परी द्वारा गांव के लोगों की मदद(fairy tales story)

आज राबिया परी गांव में पानी बांटने आयी थी ।
मनोहर बोला ——राबिया परी अगली बार प्लीज आइसक्रीम लेकर आना ।
परी बोली—– आइसक्रीम भी जरूर लाऊंगीं लेकिन पहले जरूरत का सामान जरूरी है ।
     
अंजलि बोली—- समझा बुद्धू ,जंगल की परी ने क्या कहा? 
मनोहर घर जाकर अपनी मां से कहता है ——मां ,जंगल की परी मुझे बहुत अच्छी लगती है, मैं उसी से शादी करना चाहता हूं।
तब उसकी बहन अंजलि बोली —–जंगल की परी तुम्हें कोई भाव नहीं देगी, तुम सपने देखना बंद कर दो । मनोहर बोला —–तु सड़ी है चुप कर।


उसकी मां बोली—– अगर तुम्हें जंगल की परी से शादी करनी है तो तुम्हें भी उसकी तरह अच्छे काम करने पड़ेंगे।

जंगल वाली पहाड़ों पर चुड़ैलों का बसेरा था । चुड़ैल आपस में बातें करती हैं कि –राबिया परी गांव में बहुत फेमस हो रही है।
दूसरी बोली —–श्यामपुर गांव के लोगों को खाना बांट कर खूब मदद कर रही है।
पहली चुड़ैल बोली —-उसने मेरी मौसी को मारा था, जब तक मैं बदला नहीं लूंगी तब तक मैं चैन से नहीं बैठूंगी।
दूसरी चुड़ैल बोली —–चलो उसे पकड़ने चलते हैं और उसे बंधक बना लेते हैं।
       

राबिया परी को चुड़ैलों के द्वारा बंधक बनाना (pari ki kahani)

उधर राबिया परी अपने घर में सो रही थी हाकिया और उसैल चुड़ैल उसके घर में पहुंच जाती हैं और आपस में बात करती हैं कि– इस राबिया परी को यही मार देते हैं।
       

(fair tales in hindi)

तब दूसरी बोलती है —–कि नहीं ,इसे तो मैं तड़पा- तड़पा कर मारूंगी ।
   
हाकिया चुड़ैल उसके मुंह पर नशीली दवा का रुमाल रखकर उसे बेहोश कर देती है । वह दोनों चुड़ैल राबिया परी को उठाकर अपनी गुफा में ले जाती हैं ।
दो महीने बीत जाते हैं, गांव के लोग राबिया परी के ना आने पर परेशान होने लगते हैं । और कहने लगे—- अगर राबिया परी अगले हफ्ते पानी देने नहीं आई तो हम लोग प्यास से मरने लगेंगे।

गांव के लोगों द्वारा राबिया परी की मदद(Rabia Pari helped by the villagers)

राबिया परी अगले हफ्ते भी गांव में नहीं आ पाती , तब मनोहर कहता है कि— लगता है राबिया परी किसी मुसीबत में है, हमें जाकर देखना चाहिए ।
मनोहर, अंजलि और गांव का एक रामू जंगल में राबिया को खोजने जाते हैं । खोजते हुए राबिया के घर जाते हैं तब उन्हें नशीली दवा से भरी हुई  रुमाल मिलती है।

अंजलि बोली—– यह नशीली दवाओं से भरी रुमाल है और मैंने बाहर भी चुड़ैलों के पैरों के निशान देखे हैं। जरूर पहाड़ी की चुड़ैल राबिया को उठाकर ले गई हैं ।
रामू बोला –—तो क्या हमें अब चुड़ैलों के पहाड़ी पर जाना पड़ेगा। 
मनोहर बोला—- हां इसमें डरने की क्या बात है रामू? तुम इतना डर क्यों रहे हो।

रामू बोला —–वह चुड़ैल हमें खा जाएंगे ,अगर हम वहां गए तो।
अंजलि बोली —-राबिया परी हमेशा गांव वालों के मुसीबत में मदद की है तो हमारा कर्तव्य भी है कि हम उसकी मदद करें ।
मनोहर बोला—-– पहली बार मेरी सड़ी हुई बहन ने अच्छी बात कही है ।
   
तीनों पहाड़ी की तरफ चल देते हैं और जब वह गुफा के अंदर जाते हैं और देखते हैं कि चुड़ैलों ने राबिया को उल्टा लटका कर रखा है ,उसकी पिटाई कर रही हैं ।
मनोहर बोला —–अंजलि वह देखो राबिया परी की जादुई छड़ी ,हम दोनों चुड़ैलों का ध्यान बटाते हैं ,तुम जादुई छड़ी को लेकर राबिया परी के पास जाओ।

(fair tales in hindi)



रामू और मनोहर चुड़ैलों का ध्यान बटाते हैं ,तभी अंजलि जादुई छड़ी लेकर परी के पास जाती है। जादुई छड़ी हाथ में लेते ही परी की शक्ति आ जाती है, राबिया पड़ी जादुई छड़ी की मदद से तीनों चुड़ैलों को वहां से गायब कर देती है और कहती है— कि मेरी जान बचाने के लिए तीनो का बहुत-बहुत शुक्रिया।

मनोहर बोला—- इसमें शुक्रिया की कोई बात नहीं का राबिया परी ,तुमने भी तो खाना और पानी देकर गांव वालों की मदद की है और जान बचाई है ।
अंजलि बोली—– वैसे राबिया परी तुमने तीनो चुड़ैलों को कहां भेज दिया वह तो गायब हो गई ।
राबिया परी बोली —-मैंने तीनों चुड़ैलों को रानी परी के जेल में डाल दिया है ,रानी परी उसे संभाल लेंगी । सभी अपने गांव लौट आते हैं राबिया परी अपनी शक्ति से गांव के लोगों को पानी देती है।
 

इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

अगर कोई हमारी मदद करता है तो हमें भी उसकी मदद करनी चाहिए

उम्मीदें है यह कहानी (pari ki kahani) आपको अच्छी लगी होगी।  कहानी से जो शिक्षा मिलती है, उसे आप अपने जिंदगी में जरूर उतारेंगे तथा एक दूसरे की सहायता करेंगे ।  इसी तरह की नई हिंदी कहानियाँ (hindi kahaniyan new)पढ़ने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क करें। धन्यवाद !

Write A Comment