आज इस नई भूतिया कहानी(new bhutiya kahani) में पढेंगे की, कैसे रोहित और अभिनय एक भुत से मिलते है और उस भुत की मदद से वे दोनों गरीबो और बूढों की मदद करते हैं। आगे की कहानी(story) आप खुद पढिये।

new bhutiya kahani
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एक भूत की कहानी (bhutiya kahani in hindi)

बहुत समय पहले एक गांव में रोहित और शांति नामक दो पति पत्नी रहते थे और उनके अमित  और तन्वी नामक दो सुंदर बच्चे भी थे। रोहित ऑटो चला कर आए हुए पैसों से अपना घर चलाता था।

एक दिन रोहित बहुत दूर से अपना आटो चला कर घर जा रहा था तब उसे बीच रास्ते में एक सुंदर औरत दिखाई देती है ।
औरत कहती है —–रुकीये, ऑटो रोकिए । यह सुनकर वह आदमी ऑटो रोकता है और पूछता है —-कहां जाना है मैडम आपको ।

औरत बोलती है –—-मेरा घर पास में ही है मुझे वहां छोड़ दोगे भैया।
ऑटो वाला बोलता है–—- जी मैडम आइए ।
ऑटो चलाने के बाद जब उस औरत का घर आता है तो वह ऑटो रोकने के लिए कहती है , तब रोहित ऑटो रोकता है।

वह औरत ऑटो से नीचे उतर कर , पैसे देकर बिना पीछे मुड़े चली जाती है ।
रोहित जब पैसे की गिनती करता है तो वह देखता है कि उस औरत ने उसे ज्यादा पैसे दिए हैं ,तो वह कहता है—— मैडम आपने मुझे ज्यादा पैसे दे दिए।

 इसके बावजूद भी औरत पीछे मुड़कर नहीं देखती है और चलते ही रहती है । तब रोहित देखता है कि उसके पांव पीछे की तरफ मुड़े हैं तब वह देखकर दंग रह जाता है ।


रोहित कहता है –—-हां इसके पाव पीछे क्यों मुड़े हैं? इसका मतलब ऑटो में एक भूत(bhut) बैठी थी ।
यह सोचकर रोहित तुरंत वहां से ऑटो स्टैंड की ओर निकलता है ।

रोहित का दोस्त उसे तेजी से ऑटो स्टैंड पर चलकर आना देखता है और पूछता है —–अरे रोहित क्या हुआ? तुम ऐसे क्यों हो और ऑटो को इतनी तेजी से क्यों चला रहे थे ?

तब रोहित उसे सब कुछ बताता है ।

उसका दोस्त पूछता है ——क्या ? तूने भूत को देखा? रोहित बोलता है—- हां वह देखने में बहुत सुंदर थी और उसने बहुत गहने भी पहने थे । इतना ही नहीं उसके पांव पीछे मुड़े हुए थे ,कापते हुए कहता है।


उसका दोस्त बोलता है –—-क्या भूत सुंदर भी थी और गहने भी पहने हुए थे ।
क्या भूत प्रेत सच में होते भी हैं , अंधेरे में यह न जाने किस को देखकर क्या समझा ।

पर मेरा दोस्त इतना काप क्यों रहा है? ऐसे सोचते रहता है और बोलता है-— रोहित डरो मत, क्या तुम्हें याद है कि तुमने उसे कहां छोड़ा?

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रोहित बोलता है ——हां याद है, वह एक घर के पास उतरी थी लेकिन क्यों पूछ रहे हो?
उसका दोस्त बोलता है—- कुछ नहीं तुम्हारा डर मिटाने के लिए हमें यह पता करना है कि क्या वह वाकई में भूत थी या नहीं । इसीलिए हम दोनों उसी जगह वापस जाएंगे ।

दोनों दोस्त पहुंचे भूत के घर (new hindi bhutiya kahani)

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रोहित बोलता है —--हां ठीक है कम से कम देखने के बाद तो तुम्हें मेरी बातों पर यकीन आएगा।
 ऐसे करके वह उसके दोस्त के साथ उस घर के पास जाता है जहां उसने भूत को छोड़ा था और वहां जाकर रुकते हैं।

तब उसका दोस्त पूछता है —–क्या यही छोड़ा था तुमने?
रोहित बोलता है—– हां  यही।
उसका दोस्त बोलता है-—– यह घर तो देखने में बहुत अच्छा है और इसमें क्या भूत रह रही है ?


रोहित बोलता है –——दोनों अंदर जाएंगे तब पता चलेगा ना कि इसमें भूत है या नही।
 ऐसे कहने  पर दोनों मिलकर घर के अंदर जाते हैं और उसका दोस्त बोलता है —–-कोई है ?

ऐसे पुकारने के बावजूद कोई नहीं बोलता, तब उसका दोस्त रोहित से कहता है—– लगता है कोई नहीं है इस घर में । इतना जोर से बुलाने के बावजूद कोई बाहर ही नहीं आ रहा ।


रोहित बोलता है —–चलो दोनों अलग-अलग दिशाओं में जाकर देखते हैं ।
ऐसे दोनों अलग-अलग दिशा में जाते हैं और बोलते रहते हैं ——-कोई है ,कोई है या नहीं और दोनों ढूंढते रहते हैं ।

भूत (महिला) यह सोचती है —-कि इस घर में तो मैं अकेले रहती हूं । किसी और की आवाज यहां कैसे सुनाई दे रही है ?
यह सोचकर वह आवाज की ओर बढ़ती रहती है और तब उसे अभिनय दिखाई देता है । उसके सामने अचानक एक आदमी को देख, वह भी डर जाती है और कहती है —-बाप रे !भूत ..भूत.. ऐसा कहकर भागने लगती है ।

अभिनय( रोहित का दोस्त) भी भूत…भूत…कहकर भागने लगता है ।

जब वह भूत…भूत… कहकर भाग रही थी तब रोहित अचानक उसके सामने खड़ा मिलता है । फिर वह महिला बोलती है —–बाप रे ! भूत…भूत... ऐसे कह कर वह जोर से चिल्लाकर घर के बाहर भागती है।

तभी रोहित भी भूत….भूत… जोर से चिल्लाकर बाहर भागने लगता है और अभिनय के पास जाता है।

अभिनय बोलता है —-रोहित मैंने उस भूत(bhut) को देखा। क्या तुमने भी देखा ? एसे जब वह दोनों बात कर रहे थे तो भूत उन्हें देखती  है और उनकी बातें भी सुनती है।

 और वह सोचती है मैंने तो इन्हीं दोनों को घर के अंदर देखा था।  ये भूत नहीं है क्या ? ऐसे सोचते हुये उनकी बातें भी सुनने लगती है ।


रोहित बोलता है ——हां , अभिनय मैंने भी उस भूत को देखकर, डर के मारे बाहर  भागकर आ गया ।

औरत (भूत ) सोचती है ––इस आदमी के ऑटो में तो मैं घर आई थी । यह वापस क्यों आया यहां?

रोहित बोलता है –—अभिनय से , तुम्हे तो मेरी बातों पर यकीन नहीं किया ना । अब तो तुम सच  मानते हो न।

अभिनय बोलता है—– हां-हां , मानता हूं । सच में यहां एक भूत है ।
रोहित बोलता है —-अपनी आंखों से देख कर ही तुम्हें यकीन आया ना।

 उसका दोस्त अभिनय बोलता है-— रोहित मुझे माफ करो यार, पहले यहां से निकलते हैं । चलो-चलो।

वह औरत सोचती है—- इस घर में तो मैं रहती हूं क्या यह लोग मुझे भूत कह रहे है ? क्यों कह रहे हैं ? क्या मैं मर गई हूं ? क्या मैं जिंदा नहीं हूं ? ऐसे सोचती रहती है।
मेरे दुखी होने का कोई फायदा नहीं । अगर मैं उनके पास जाऊंगी, तो मुझे पता चलेगा कि मैं भूत हूं कि नहीं।

 ऐसे वह भूत उन दोनों के पास जाती है और उनके सामने खड़ी होती है । वे दोनों भूत-भूत करते हुए डर के मारे चिल्लाते हैं ।
महिला(bhut) बोलती है –—–डरो मत मैं तुम दोनों को कुछ नहीं करूंगी।  मैंने सोचा तुम दोनों भूत हो इसलिए मैंने डर के मारे बाहर भागा और तुम दोनों की बातें सुनी तब मुझे समझ में आया कि मैं भूत हूं ।
और मरने की वजह से मैं ऐसे भूत में बदल गई ।ऐसे बात करते हुए निराश हो जाती है ।

भूत ने किया गरीबों की मदद (new bhutiya story in hindi)

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रोहित बोलता है –—-ऐसे निराश मत हो , आपकी बातें सुनकर अब हमें भी बुरा लग रहा है ।

उसका दोस्त बोलता है –—-आपके अधूरी ख्वाहिश हमें बताइए, हम उन्हें पूरा करेंगे ।

औरत बोलती है –—- अब तो मेरी कोई ख्वाहिश नहीं है। अब तो मैं जिंदा भी नहीं हूं और जब मैं जिंदा थी तब मैं कुछ भी नहीं कर पाई , और अब मैं कुछ भी कर सकती हूं क्योंकि मैं भूत हूँ।

इसीलिए मैं बूढ़े और गरीब लोगों की मदद करना चाहती हूं और मुझे बहुत खुशी होगी , अगर आप इसमें मेरी मदद कर सकोगे।

रोहित बोलता है—– अरे अरे ! आप तो सबकी मदद करने में हमारी मदद मांग रही हैं , हम तो खुशी-खुशी आपकी मदद करेंगे ,वादा करते हैं ।

ऐसे सुनकर वह भूत बहुत प्रसन्न होती है और अपनी शक्तियों से खाना(भोजन) प्रकट करती है और बोलती है —–तुम लोगों को इसे बांटना होगा ।

 वह दोनों दोस्त उस खाने को गरीब और बूढ़े लोगों में बाटते हैं और भूत के पास जाते हैं । भुत (bhut) बोलती है —-अब मुझे तसल्ली हुई है ।

उन दोनों से खुश होकर वह अपनी शक्ति से उनको सोना और गहना देकर वहां से गायब हो जाती है । तब से वह दोनों खुशी से जीते हैं।

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कहानी पढने के लिए धन्यवाद! अच्छा पढ़े-अच्छा सीखे।

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