गरीब नौजवान की कहानी(short stories in hindi with moral )
एक गांव में मयूर नाम का एक नौजवान अपनी मां के साथ एक छोटे से घर में रहता था। वह लोग बहुत ही गरीब थे । मयूर बहुत ही होनहार ,दयालु और सज्जन था ।
एक बार ,बरसात के मौसम में वह अपने कॉलेज जा रहा था। अचानक बादल घिर आए और बरसात होने लगी। उसके पास छाता भी नहीं था । वह बारिश से बचने के लिए एक मोटे पेड़ के पास जाकर खड़ा हो गया ।
उसे काफी देर हो रही थी और बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। मयूर ने कहा —– हे भगवान ! मेरी बिनती सुन लो, कुछ देर के लिए बारिश को रोक दो इस गरीब की पढ़ाई का सवाल है ।
सभी विद्यार्थी रास्ते में छाता लेकर जा रहे थे । मयूर दुखी मन से उनको देख रहा था ।
अचानक पेड़ के ऊपर से आवाज आई —–मैं तुम्हें बारिश के पानी और हर एक परेशानी से बचा लूंगा ।
मयूर को मिला जादुई छाता(jadui kahani )
मयूर बोला –—- कौन बोल रहा है? अचानक एक सुनहरा छाता पेड़ से होते हुए खुलकर सामने आ गया।
छाता बोलता है ——- मैं एक जादुई छाता हूं , मेरा नाम सोना चाहता है । तुम चिंता मत करो , मैं तुम्हारी सुरक्षा करूंगा ,तुम्हें जो चाहिए मैं वह दूंगा । भलाई के रास्ते पर चलोगे तो जीवन भर मैं तुम्हारा साथ दूंगा ।
मुझे अपने सिर पर तान लो और आगे बढ़ो । तुम्हे देर हो गई है मै तुम्हे जल्दी पहुचा दूंगा।
मयूर ने बोला—– ह़ा, यह तो बड़ी अच्छी बात है। भगवान हमारी पुकार सुनते हैं लेकिन इतनी जल्दी सुन लेंगे यह मैंने नहीं सोचा था ।
पानी तेजी से बरस रहा था । मयूर जादुई छाता ताने आगे बढ़ रहा था।
छाता बोलता है ——–अब मुझे पकड़े रहना मैं ,तुम्हें बहुत जल्दी और सुरक्षित पहुंच जाऊंगा ।
कुछ ही देर में मयूर कॉलेज के सामने पहुंच गया । कुछ समय के बाद कॉलेज से निकलने के पश्चात वह बहर निकला और छाता ताने चल रहा था।
आगे निचले भाग में बारिश का पानी भरा हुआ था। मयूर बोला-—– प्यारे दोस्त अब क्या करें ? सामने पानी से तालाब बन चुका है ,कोई उपाय निकालो ।
छाते ने चमत्कार किया और शानदार राह बना और घर पहुंचते ही माँ ने जब मयूर के हाथ में सुंदर छाता देखा तो देखती ही रह गई ।
मयूर बोलता है —–– मां यह ऊपर वाले की कृपा है। मैं भीगने से बचने के लिए पेड़ के नीचे खड़ा था । मैंने भगवान से प्रार्थना की और उन्होंने मुझे यह जादुई छाता दे दिया। यह छाता बड़ा ही चमत्कारी है ।
उसने हाथ मुंह धोया और मां के साथ रोटी दाल खाने बैठ गया।
मयूर ने बोला—— कोई बात नहीं माँ ,खाना बड़ा स्वादिष्ट है ।
छाता खुली आंखों से उनके गरीबी के हाल को देखता ही रह गया। पूरे घर में सामान के नाम पर कुछ गिने-चुने बर्तन, एक छोटी सी खाट और कुछ फटे पुराने कपड़े थे।
छाते से आवाज आती है —आप लोग क्या खाना चाहते हैं ?
मयूर ने बोला —–खाना तो हम खा रहे हैं ,आप हमको क्या दिला रहे हैं ।
छाते ने चमत्कार किया और कई व्यंजन उनके सामने आ गए । मां और बेटा दोनों ही आश्चर्यचकित रह गए।
छपर बना हवेली( jadui kahani)
उन्होंने पेट भर कर सभी स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद लिया और छाते को धन्यवाद दिया ।
छाते ने देखा —-उनके घास- फूस के छप्पर से पानी टपक रहा था।
छाती से आवाज आती है —क्या आप लोग कुछ पल के लिए घर से बाहर खड़े हो सकते हैं ?
मयूर बोला-—-क्यों नहीं? लगता है इस बार आप कोई नया चमत्कार दिखाना चाहते हैं।
वह दोनों छाते को लेकर घर से बाहर आ गए। अचानक उनका छोटा सा पुराना घर, एक सुंदर हवेली में बदल चुका था । खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा ।
घर के अंदर सुविधा की सारी चीजें मौजूद थी । एक बक्से को खोल कर उन्होंने देखा तो उनकी आंखें चौधिया गई। सोने चांदी ,रुपए पैसे से भरे इस बक्से ने उनकी गरीबी को सदा के लिए अलविदा कर दिया था।
मयूरा और उसकी मां ने धन दौलत का सदुपयोग ही किया । सब लोगों की बहुत मदद भी की। उनकी जिंदगी खुशियों से भर गई थी।
एक दिन उनके लालची पड़ोसी ने उनके जादुई छत्ते को देख लिया ,वह मौका देखकर छाता को चुरा लिया।
मयूर और उसकी मां बेसब्री से छाते को ढूंढने लगे । वह बहुत परेशान हो गए थे । दूसरी तरफ छाते को चुराने वाला पड़ोसी बहुत खुश था । उसने छाते को एक मेज पर रखा और घर का दरवाजा बंद कर दिया।
पड़ोसी ने बोला –—-मुझे बहुत सारी धनसंपदा दे दो। हीरा ,मोती ,सोना, चांदी धन -दौलत सब कुछ चाहिए। मेरा घर रुपए पैसे से भर दो। मुझे राजा बना दो।
छाता उड़कर घर में गोल गोल घूमने लगा। पड़ोसी का मन टटोलने लगा।
पड़ोसी ने सोचा —अब कुछ अच्छी बात होगी, धन दौलत की बरसात होगी।
अचानक छाता क्रोधित हो गया और बोला—- तुम एक चोर और बड़े लालची आदमी हो।
मैं तो यहां से उड़कर चला जाऊंगा । तुम जाकर मयूर और उसकी मां से क्षमा मांगो, वरना तुम्हारा सर्वनाश हो जाएगा ।
पड़ोसी ने बोला –—छाता महाराज! मुझे माफ कर दो , मैं अभी जाकर मयूर और उसकी मां से क्षमा मांगता हूं।
पड़ोसी जादुई छाते के साथ जाकर मयूर की मां के चरणों में गिर पड़ा और बोला ——चाची जी मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है । मैंने धन दौलत के लालच में आकर आपके छाता को चुरा लिया था,क्षमा कर दीजिए।
पड़ोसी शर्मा रहा था ,छाता मुस्कुरा रहा था। मयूर मां के बड़ें दिल पर फूला नहीं समा रहा था ।
इससे हमें यह सीख मिलता है की –लालच बुरी बला है,चोरी करना पाप है । नेक और सज्जन इंसान की मदद भगवान भी करते हैं।
एस कहानी(jadui kahani) से जो हमे सीख मिलती है उसे हमे अपने जीवन में उतरना चाहिए ,लालच नही करना चाहिए।
इसी तरह की नैतिक कहानियों(moral stories in hindi) ,परी की कहानियों(pari ki kahani),भूतिया कहानियों(bhutiya kahani) और नई नई हिंदी कहानियों( hindi kahaniyan new) को पढ़ने के लिए हमारे facebook group को join कर सकते हैं। कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद!