अनाथ लड़के मोनू की कहानी(new hindi kahaniyan )
एक समय की बात है , एक शहर में मोनू नाम का लड़का रहता था। उसके मां बाप नहीं थे पर उसकी बड़ी एक दीदी थी। जो घरों में काम किया करती थी और अपना घर चलाती थी।
मोनू रोज काम की तलाश में इधर-उधर भटकता रहता था ,पर उसे कोई काम नहीं मिलता था। क्योंकि वह बहुत पढ़ा लिखा नहीं था । क्योंकि, वह अपनी बहन की कोई मदद नहीं कर पाता था , इसलिए वह काफी उदास रहता था ।
एक दिन की बात है , मोनू काम की तलाश में जा रहा था । रास्ते में उसने देखा कि एक लड़की जोर-जोर से रो रही थी।
मोनू लड़की के पास जाता है और कहता है——- अरे क्या हुआ ? तुम रो क्यों रही हो ? क्या मैं तुम्हारी कोई मदद कर सकता हूं?
लड़की बोली —–हां, क्या तुम मुझे ऐसी जगह ले कर जा सकते हो जहां थोड़ी धूप मिले।
मोनू बोला ——हां क्यों नहीं । मोनू उसे सहारा देकर एक खुले बगीचे में लेकर जाता है । जहां पर धूप ही धूप थी । धूप लगते ही लड़की एक सुंदर परी के रूप में बदल जाती है ।
मोनू बहुत ही आश्चर्यचकित हो जाता है और बोलता है—– अरे यह क्या? आप तो एक परी हो पर आप यहां कैसे आई?
मोनू को मिला जादुई घर(jadui hindi kahaniyan )
परी बोलती है —— मैं अपनी मां के साथ यहां घूमने आई थी और मैं यहां पानी में खेलनेे लगी और मैं भीग गई। मेरे पंख गीले हो गए थे, इसलिए मैं उड़ नहीं सकती थी।
मां ने कहा -पंख सूख जाए तो वापस आ जाना और मैं अपने पंख के सूखने का इंतजार कर रही थी।
मुझे ठीक करने में तुमने मेरी बहुत मदद की है । तुम एक बहुत ही नेक लड़के हो । मै तुम्हारी कुछ मदद करना चाहती हूं ।
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परी जादू की छड़ी घुमाती है और उसके हाथ में एक तस्वीर आ जाती है ।
तस्वीर में एक बहुत सुंदर घर बना हुआ था । इस तस्वीर को मोनू के हाथ में देते हुए कहती है ——लो तुम इसे अपने घर में दीवार पर लगा देना और काम की तलाश में निकल जाना ।
रास्ते में तुम्हें कहीं ऐसा घर दिख जाए तो उस घर के अंदर जाना और तुम्हें जरूरत का हर सामान दिखेगा। तुम उसी सामान को बाहर लेकर आना, जिसकी तुम्हें जरूरत हो ।
अगर तुमने लालच की तो घर अचानक गायब हो जाएगा । लेकिन हां , अगर तुम और किसी की मदद करना चाहोगे तो वह अगर तुम्हें कहीं भी दिखाई देगा।
कभी भी किसी को घर के अंदर लेकर मत जाना, नहीं तो तुम्हें कुछ भी नहीं दिखाई देगा। यह कहकर परी अपने देश परी लोक में वापस चली जाती है ।
वह तस्वीर लेकर अपने घर की ओर चल देता है । घर में जाकर अपनी बहन को सारी बातें बताता है—- तस्वीर को एक दीवार पर लगा देता है ।
दूसरे दिन सुबह अपने काम पर निकल जाता है। खोजते खोजते जब अचानक थक जाता है तो उसे वही घर दिखाई देता है ।
सोनू घर देखकर बहुत खुश हो जाता है और वह घर के अंदर जाता है । वह देखता है और कहता है —–अरे वाह, यहां जरूरत की हर चीज है ।
कोई बात नहीं मुझे तो दीदी के लिए कुछ कपड़े ,खाने के लिए कुछ सामान और कुछ जरूरत की चीजें चाहिए।
मोनू जरूरत का सामान थोड़ा-थोड़ा ले लेता है और अपने घर की ओर चला आता है । उसकी दीदी उसके हाथ में इतना सारा सामान देखती है तो बहुत खुश होती है ।
एक दिन की बात है उस घर में एक बूढ़ी औरत रहती थी । अचानक एक दिन बीमार पड़ जाती है ,दवा की दुकान पास में ना होने पर मोनू सोचता है–— अगर वह घर पास में होता है तथा उसका पता होता तो मैं उस घर से दवा लाकर दादी मां को दे देता ।
मोनू जैसे ही सोचता हैं , अचानक से वह घर उसके सामने दिखाई देता है । वह दौड़कर घर के अंदर जाता है , दादी मां के लिए दवा लेकर वापस आता है।
इस प्रकार मोनू धीरे-धीरे आसपास के लोगों की मदद करने लगा । मोनू को इतना खुश देखकर, उसका दोस्त सोनू ने सोचा—- मोनू तो कोई ऐसा काम करता नहीं है, आखिर इतना खुश कैसे रहता है ? और लोगों की इतनी मदद कैसे करता है।
यह सोच कर सोनू उसका पीछा करता है । पीछा करते-करते सोनू देखता है —कि मोनू एक घर में जा रहा है । वहां से बहुत सारी चीजें लेकर बाहर आता है।
सोनू कहता है —-अच्छा यह बात है , मोनू सारी चीजें यहां से लेकर आता है । अगली बार आने दो मोनू को, देखता हूं उस घर में ऐसा क्या है?
तीन दिन बाद सोनू-मोनू के पीछे पीछे उस घर में जाने के लिए तैयार रहता है और वह उसके पीछे-पीछे घर के अंदर चला जाता है ।
घर के अंदर सारी जरूरत की चीजों को देख कर वह खुश हो जाता है । अब जैसे ही सोनू ने किसी चीज को हाथ लगाता, चीजे गायब होने लगती है ।
मोनू समझ जाता है, जरूर घर में कोई और आ गया है। पीछे मुड़कर देखता है तो उसका दोस्त सोनू था ।
अचानक से वह घर गायब हो जाता है , दोनों एक मैदान में खड़े हुए मिलते हैं और मोनू कहता है —–सोनू अंदर क्यों आए। आने के पहले मुझे पूछना चाहिए था ना ।
तुम मुझसे मांग लेते —-पीछे-पीछे आने की क्या जरूरत थी। अब मैं क्या करूं? घर तो गायब हो गया।
अब मैं किसी की मदद भी नहीं कर सकता ।
सोनू कहता है ——लेकिन यह सब क्या हुआ? घर गायब कैसे हो गया ?
मोनू कहता है ——–यह एक जादुई घर था, जहां सिर्फ मैं ही जा सकता था ।
कोई जरूरत की चीजे घर से ला सकता था , हां लेकिन सिर्फ जरूर की चीजे। तुमने यह क्या किया सोनू ?
सोनू कहता है ——मुझे माफ कर दो दोस्त , मुझे यह बात पता नहीं थी की अगर मैं इस घर के अंदर आऊंगा तो यह जादुई घर गायब हो जाएगा।
घर के गायब हो जाने से मोनू बहुत परेशान हो जाता है और भगवान से प्रार्थना करने लगता है –तभी वहीं पर अचानक से वही परी आ जाती है ।
और मोनू से कहती है—— मोनू , मैं तुम्हारे काम से बहुत खुश थी । तुम्हारे दोस्त के आने से यह जादुई घर गायब हो गया ।
कोई बात नहीं मोनू , अब तुम्हे इस घर की कोई जरूरत नहीं है , तुम इतने संपन्न और मेहनती हो चुके हो , तुम्हारे अंदर इतनी दया की भावना भर चुकी है कि अब तुम्हें कोई भी ,कभी भी काम दे देगा। इतने लोगों की मदद जो की है ।
सोनू कहता है ——आप सच कहती हो जादुई परी, मुझे अब इस जादुई घर की कोई जरूरत नहीं है । मेरे साथ मेरा पूरा गांव है ।
परी बोलती है —–ठीक है मोनू ,खुश रहो और खूब मेहनत करो। और इतना कहते ही परी अपने देश वापस चली जाती है।
सोनू कहता है ——-मुझे माफ कर दो मोनू , मुझे किसी के काम में बिना उससे पूछे , उसके काम में दखल नहीं देना चाहिए और हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए। अपने आप पर भरोसा करना चाहिए।
मोनू अपने दोस्त के साथ खुशी-खुशी घर चला जाता है
इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की हमे दुसरो के काम में बाधा नही डालनी चाहिए । बल्कि दुसरो की मदद करनी चाहिए।
इस नैतिक कहानी(moral stories in hindi) से जो सीख मिलती है उसे हमे अपने जिन्दगी में सीखना चाहिए। इसी तरह की नई नई हिंदी कहानियों (hindi kahaniyan new) को इस website पर पढ़ सकते है और ईमेल subscribe कर सकते है।
कहानी पढने के लिये धन्यवाद!