इसे भी पढ़ें: 1-जादुई मनी प्लान्ट
2-किसान की सफलता
3-जादुई सोना छाते की कहानी
एक हीरपुर नाम का शहर था । उस शहर में तो चाट की बहुत सी दुकानें थी, पर सोनू की दुकान की तो बात ही कुछ और थी ।
उस शहर में ऐसा कोई भी नहीं था जो सोनू चाट वाले के बारे में ना सुना हो। ऐसे ही वह प्रसिद्ध चाट वाला नहीं बना था । उसने बहुत मेहनत की थी तब जाकर वह इतनी प्रसिद्ध हुआ है।
हर रोज उसकी चाट की दुकान पर भीड़ -भाड़ ही रहा करती थी। कई लोग तो सिर्फ पापड़ी के दीवाने थे, उन्हें सोनू की पापड़ी बहुत पसंद थी।
कोई भी नया व्यक्ति आता था तो उसे सोनू के चाट खाने को जरूर कहते थे।
सोनू अपनी तरक्की से बहुत खुश रहता था । उसका पूरा घर उसके चाट के दुकानों से ही चलता था।
सोनू के घर में वह और उसके माता-पिता रहते थे । एक दिन सोनू के घर उसका ममेरा भाई टुन्नू आया ।
टुन्नू ने कहा —-भाई आप तो पूरे शहर में बहुत प्रसिद्ध हैं । कल मैं भी आपके साथ दुकान पर चलूंगा।
हो सकता है मैं भी कुछ आप से सीख जाऊ।
सोनू ने कहा —-हां क्यों नहीं तू चल तू भी दुकान पर चल मेरी भी मदद हो जाएगी।
फिर अगले दिन टुन्नू ,सोनू के दुकान पर आ गया। टुन्नू, सोनू की मदद कर दिया करता था ।लगातार सोनू की दुकान पर जाते-जाते टुन्नू भी बहुत कुछ सीख लिया था ।
वह बोला –—-भैया अब तो मैं भी बहुत कुछ सीख लिया हूं, आप अपने ही दुकान पर मुझे काम पर रख लीजिए।
मैं यही काम कर दिया करूंगा, बदले में आप मुझे कुछ पैसे भी दे दीजिएगा । वैसे भी आपकी आमदनी भी अच्छी खासी हो जाती है । मुझे काम पर रखने में आपको ज्यादा दिक्कत नहीं होगी ।
सोनू बोला —--अरे ! तुम कैसी बात करते हो? मुझे तो बल्कि खुशी होगी कि तुम मेरी दुकान पर काम करोगे।
टुन्नू अब हर रोज सोनू के दुकान पर जाया करता था और मन लगाकर काम किया करता था ।
एक दिन की बात है टुन्नू काम करते करते सोनू से बोला-— भैया ग्राहक तो बहुत बढ़ जाते हैं ,हमें कुछ और टेबल कुर्सी लगा लेनी चाहिए।
सोनू बोला –—हां टुन्नू, तुम सही कह रहे हो ,मैं कल ही कुछ टेबल कुर्सी लगाता हूं।
कल होते ही सोनू ने नए टेबल कुर्सी लगवा लिया । अब सोनू चार्ट वाले की दुकान पहले से भी ज्यादा सुंदर लगने लगी थी।
सोनू बोला—– देखो टुन्नू दुकान और भी कितनी अच्छी लग रही है सोच रहा हूं कुछ और भी महंगी महंगी चीजें लगवा देता हूं।
टुन्नू ने कहा—– ठीक है भैया आपको जो अच्छा लगे।
सोनू ने वही किया, उसने अपने दुकान में सभी महंगी चीजें लगवा ली और अपनी दुकान सुंदर बनवा ली। अपने दुकान में इतने बदलाव करने के बाद सोनू के अंदर घमंड आ गया था।
सोनू सबको डांटता रहता था। अगर किसी से सामान का जरा सा भी नुकसान होता तो, सोनू बहुत जोर से डांटता रहता।
एक दिन सोनू के दुकान पर कुछ ग्राहक आए । उनके साथ उनके बच्चे भी थे। बच्चे खेल रहे थे, खेलते -खेलते उन्होंने कुर्सी गिरा दी।
सोनू बोला —–अरे दिखता नहीं है क्या? कितनी महंगी चीजे है यहा। इतनी सुंदर दुकान में आने से पहले अपने बच्चों को समझा कर आना चाहिए , कहीं भी तोड़फोड़ करते हैं।
ग्राहक बहुत गुस्से में आ गए और तुरंत अपने बच्चों को लेकर बिना खाए- पिए वहां से चले गए ।
टुन्नू बोलता है-–– भैया आप ग्राहक को ऐसे कैसे डांट सकते हैं ?आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था।
सोनू बोला-—– अरे क्या हो गया, वैसे भी तो एक ही ग्राहक गया है। एक ग्राहक के जाने से मेरे दुकान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। देखना अभी थोड़ी ही देर में मेरे दुकान पर लोगों की भीड़ लग जाएगी।
ऐसे ही करके सोनू का घमंड और बढ़ता चला गया । अब वह किसी को भी कुछ भी बोल दिया करता था।
टुन्नू भी सोनू की हरकतों से परेशान होकर काम छोड़ कर चला गया और अब ग्राहक भी बहुत कम ही आ रहे थे।
पूरे शहर में बातें होने लगी थी कि सोनू चाट वाला कितना घमंड करता है। उसके दुकान पर कोई नहीं जाएगा, अब शायद ही कोई सोनू के दुकान पर जाया करता था।
सोनू अपने घमंड के कारण अपना सारा ग्राहक गवा बैठा था। सिर्फ उसके घमंड की वजह से प्रसिद्ध सोनू चाट वाला से घमंडी चाट वाला के नाम से जाना जाने लगा था।
इससे हमें यह सीख मिलती है कि घमंड करना अच्छी बात नहीं है।
उम्मीद है यह कहानी पढ़कर ( hindi kahaniyan)आपको अच्छा लगा होगा, इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है उसे हम अपनी जिन्दी में सीखेंगे तथा किसी बात का घमंड नही करेंगे।
इसी तरह की नई नई हिंदी कहानियों (story in hindi written)को पढ़ने के लिए हमारे वेबसाइट को subscribe कर ले तथा facebook group को join कर सकते है।
कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद!