दो दोस्तो मोंटी और रमेश ने मिलकर स्विमिंग पुल में आग लगाकर चुड़ैल को मार देते हैं। आगे की कहानी आप खुद ही पढ़ें।
![]() |
chudail in swimming pool |
स्विमिंग पुल वाला घर (chudail ki kahani in hindi)
एक गांव में मोंटी और रमेश दोनों बचपन के दोस्त रहते हैं। मोंटी शहर में पढ़ने जाता है और कुछ सालों में बहुत अच्छी नौकरी पाकर शहर में ही रहने लगता है ।
पैसा आ जाने पर मोंटी अपनी पत्नी रीमा के साथ एक बड़ा घर देखने जाता है। ऐसा घर जिसमें स्विमिंग पूल (swimming pool) भी हो।
मोंटी बोलता है— सेठ जी यह घर तो बड़ा सुंदर है क्यो रीमा क्या कहती हो ? ले लूं ।
वह बहुत ही आलीशान घर होता है । उन दोनों को देखते ही पसंद आ जाता है और वह उसे खरीद लेते हैं।
सेठ बोलता है —-चलो अच्छा है , यह घर बहुत अच्छे दामों पर बिक गया । गले की हड्डी बन गया था ।
स्विमिंग पूल में चुड़ैल (swimming pool me chudail)
एक बार दोनों रात में सो रहे होते हैं कि तभी आधी रात होते ही अजीब-अजीब सी डरावनी (darawni) आवाज आने लगती है। जैसे कोई औरत रो रही हो ।
आवाज सुनकर रीमा की नींद खुल जाती है । रीमा बोलती है—— अरे यह कैसी आवाज हैं? यह तो पुल के पास से आ रही है।
वह जैसे ही पुल(pool) के पास जाती है, उसे कुछ नहीं दिखता। जैसे ही वह आपस वापस जाने लगती है पुल से एक डरावना हाथ रीमा को पकड़कर पूल में खींच लेता है ।
डर के मारे रीमा की चीख निकल जाती है और वह बोलती है —- मर गई रे! छोड़ दो मुझे ।
आवाज सुनकर मोंटी बाहर आता है और देखता है की रीमा पूल में है , तो वह पूछता है –—रीमा क्या हुआ ? तुम इतनी रात में पूल में नहा रही हो।
रीमा बोलती है —-मुझसे रहा ही नहीं गया। इतना सुंदर पुल है ।
मोंटी बोलता है—— चलो अंदर चलो। सो जाओ।
रीमां पुल(pool) से बाहर आती है और मोंटी का हाथ पकड़ कर वापस जाने लगती है। वह पीछे मुड़कर वापस पुल की ओर देखती है, तो उसका चेहरा डरावना सा चुड़ैल(chudail) की तरह हो जाता है और आंखें बड़ी हो जाती हैं।
मोंटी बोलता है—- चलो तुम्हारा पुल कहीं भागा नहीं जा रहा। कल नहा लेना । उस समय मोंटी को रीमा का भूतिया(bhutiya) चेहरा नहीं दिखता।
रीमा बोलती है —-हां हां चलो जी।
इसे भी पढ़ें: 1-भूखी अंग्रेज चुड़ैल
रमेश का अपने दोस्त मोंटी के इनविटेशन में जाना (chudail ki bhutiya kahani)
![]() |
chudail ki darawni kahaniya |
अगले दिन दोनों लोग अपने घर की पार्टी की सोचते हैं। वे दोनों लोग रमेश को भी बुलाते हैं, फिर रमेश अपनी पत्नी कविता के साथ गांव से शहर जाता है।
मोंटी के घर पहुंचते ही उसकी पत्नी बोलती है-— अरे बाप रे ! यह कितना बड़ा घर है जी ? इसमें तो हमारा पूरा गांव रह ले।
रमेश बोलता है— अरे अब ऐसे मत करो , चलो अब अंदर चलो ।
फिर दोनों अंदर जाते हैं। मोंटी बोलता है —–रमेश मेरे भाई तुम आ गये, मैं बहुत खुश हूं।
रमेश बोलता है—— तेरा घर तो सच में बहुत ही सुंदर है। मुबारक हो।
मोंटी बोलता है ––रीमा, भाभी को ले जाओ -घर दिखाओ और थोड़ा आराम कर ले जाओ भाई जाओ।
रीमा ले जाती है और वह बोलती है –—-कविता यह देखो हमारे घर का स्विमिंग पूल(swimming pool) है । मेरी सबसे प्यारी जगह।
कविता बोलती है-—- अरे ई का आपके घर में तालाब भी है। इसमें मजा आता होगा ना।
रीमा बोलती है –—हां बहुत मजा आता है ,चलो आओ। चलोगी उसके अंदर?
कविता बोलती है—– नहीं नहीं, हमें तो लाज आती है और हमें तैरना भी नहीं आता हम जा रहे हैं। हंसते हुए चली जाती है।
रीमा को भूख के कारण गुस्सा आ रहा होता है और वह अपने चुड़ैल (chudail) के रूप में आ जाती है और बोलती है ——यह कैसे गांव के गवारा आ गए हैं? एक तो मुझे भूख लगी है। इतने दिन बाद तो इस घर में कोई रहने आया है।
पर मुझे सब्र रखना होगा और वह हंसने लगती है और कहती है ——नहीं छोडूंगी, किसी को नहीं छोडूंगी ।
उधर कविता जाती है , तो मोंटी पूछता है–— अरे कविता भाभी रीमा कहां है ?
कविता बोलती है—— वह पुलवा के पास हैं ।
मोटी बोलता है-— अरे यार पता नहीं इसे पुल (pool) से इतना प्यार क्यों है ? हर टाइम वही रहती है।
मोंटी बोलता है- रमेश, भाभी को लेकर कमरे में जाओ और आराम करो । मैं रीमा को देखता हूं ।
मोंटी रीमा-रीमा पुकारता हुआ जाता है।
रीमा बोलती है –—आ गया रीमां-रिमां करता हुआ । मन करता है इसको ही कच्चा चब जाऊं।
रिमां पल की तरफ मुंह करके खड़ी होती है।
मोंटी बोलता है —-रीमा क्या तुम्हारे पास पुल के पास आकर इसे निहारने के अलावा कोई काम नहीं है ?
रिमां बोलती है–— अरे हां मैं आ ही रही थी, चलो।
दोनों अंदर चले जाते हैं और दूसरी ओर ,
कविता रमेश से बोलती है –—-यह देखो यह बिस्तर कितना मुलायम है । मन करता है इसमें कूदते रहे हैं-कुदते रहे और यहां आओ, यह गुसलखाना तो देखो – इस पाइप से बारिश होता है। देखो जब मन करे , इस बारिश में नहा लो ।
रमेश बोलता है —–हां, पेट दर्द कर रहा है पर समझ में नहीं आ रहा कहां जाएं? यहां पेट साफ करने का कोई सुविधा नहीं है क्या ?
कविता बोलती है —-वह कुर्सी देख रहे हो ,उसी पर बैठकर करते हैं । मैंने एक दो पिक्चर में देखा था ।
रमेश बोलता है –—तुमने पिक्चर में देखा था ,मतलब हा..हा.. हा करने लगता है।
मोंटी के घर में पार्टी( chudail ki kahani)
फिर अगले दिन पार्टी होती है और पार्टी में काफी लोग आते हैं। मोंटी के काफी पड़ोसी भी आए होते हैं।
तभी एक औरत घर देखते देखते पुल के पास चली जाती है। तभी उस चुड़ैल(chudail) का हाथ बाहर निकलता है और उस औरत को पूल (pool) में खींच लेता है ।
उस औरत का पति, राहुल उसे ढूंढने लगता है और मोंटी से कहता है —-मोंटी भाई ,तुम्हारी तो हिम्मत की दात देनी पड़ेगी। तुमने इतना शानदार घर घर खरीद लिया।
तभी उसकी पत्नी रीमा बोलती है —–अरे भाई साहब! भाभी जी आपको पता नहीं कब से ढूंढ रही हैं? पुल के पास।
तब राहुल बोलता है —-अरे नहीं ! वह पुल के पास क्यों चली गई ? उसे मना भी किया था ।
मोंटी पूछता है–— अरे रीमा! तुम्हारे मुंह पर यह खून कैसे लग गया? और आंखें लाल हैं ,ज्यादा पी ली क्या ?
रीमा बोलती है –—खूब ! खून कहां ,वह ज्यादा खाया होगा तो स्वास लग गई होगी।
कविता ने खोला चुड़ैल का पोल ( darawani chudail ki kahani)
![]() |
chudail in swimming pool |
फिर राहुल पुल के पास भाग कर जाता है, पर वहां कोई नहीं होता और तभी पुल से चुड़ैल(chudail) बाहर आती है और बोलती है–— तेरी पत्नी तो मेरे पेट में है ,आ जाओ तुम्हें भी उसी के पास पहुंचा देती हूं ।
फिर चुड़ैल, राहुल को भी पकड़कर पुल के अंदर खींच लेती है । चीखने की आवाज सुनकर, सब पुल के पास आते हैं लेकिन वहां कोई नहीं होता ।
तभी रीमा बोलती है —-अरे ! सब यहां क्यों आ गए ? चलो अंदर चलते हैं।
तभी कविता बोलती है-— अरे नहीं! हम यहीं थे ,एक हाथ पुल से बाहर आया और उस औरत को खींचकर अंदर ले गया ।
हमें बहुत डर लग रहा है रमेश जी । यह तो भूतिया तालाब है ।
यह सब सुनकर रीमा को कविता पर गुस्सा आ रहा होता है। चुड़ैल के रूप में आ जाती है और मन में बोलती है ––यह बेवकूफ औरत ने सब देख लिया । यह सब कुछ बिगाड़ देगी।
तभी मोंटी बोलता है —–भाभी, हम इतने दिन से यहां रह रहे हैं , ऐसा कुछ नहीं है। रीमा तो दिन में काफी टाइम पूल में ही बिताती है।
चुड़ैल का अंत (chudail ki hindi kahani)
फिर पार्टी खत्म हो जाती है और मोंटी को पार्टी के अंत में बहुत कम लोग दीखते हैं । उसे पता नहीं , कि यह काफी लोगों को तो पुल(pool) निकल गया है ।
मोंटी कहता है —-लगता है कुछ लोग बिना बोले ही घर निकल गए ।
फिर सब सोने चले जाते हैं, पर कविता को नींद नहीं आ रही होती है। वह उठकर खिड़की से पुल को झांक कर देखती है , तो उसे रीमा वही खड़ी दिखाई देती है ।
रीमा पुल के अंदर चली जाती है। कविता बोलती है —-अरे यह क्या ? रीमा को पूल में गए काफी देर हो गई, लेकिन वह तो पुल से बाहर ही नहीं आ रही।
अरे कहीं डूब तो नहीं गई। फिर देखते देखते वह पुल के पास जाती है और बैठ जाती है ।
और बोलती है –—हे भगवान ! इस तालाब में कुछ तो गड़बड़ है । इसमें से कल एक हाथ निकला था। मैंने तो अपनी आंखों से देखा था।
और आज भी रिमां अंदर चली गई और डर लग रहा है । क्या करूं? रिमा को तो बचाना ही होगा।
कविता डरते डरते पूल में अपने पैर डालकर उतरने लगती है । तभी चुड़ैल का हाथ बाहर जाता है और कविता के पैर को पकड़ लेता है।
चुड़ैल (chudail) बोलती है—– तूने मेरी असलियत देख ली है । अब तू नहीं बचेगी।
कविता बोलती है––- अरे मर गई रे ! रीमा चुड़ैल बन गई। चुड़ैल चुड़ैल , बचाओ रमेश जी। अरे छोड़ दे चुड़ैल रीमा, तेरा नाश मीटे, रमेश जी बचाओ।
आवाज सुनकर मोंटी और रमेश वहाँ आ जाते हैं ,तभी रमेश बोलता है—- अरे मोंटी ! तुम्हारे तालाब में तो भूतनी है , मेंरी पत्नी को बचाओ।
मोंटी बोलता है —--हां भाई और रीमा रीमा बोलने लगता है तभी रीमा चुड़ैल के रूप में स्विमिंग पूल (swimming pool) से आधी बाहर निकल आती है।
और चुड़ैल बोलती है —–क्या रीमा रीमा कर रहा है? तेरी रीमा का शरीर मेरा है । रीमा अब मर चुकी है ।
और कहती है —— मैं आराम से अपना पेट भर रही थी, पर इस गवार कविता ने मुझे देख लिया ।
नहीं बचेगी ,अब यह नहीं बचेगी और तुम सब मरोगे । रीमां का यह रूप देखकर मोंटी की आंखें फटी की फटी रह जाती हैं।
रमेश भाग कर जाता है और मिट्टी का तेल पुल(pool) में डालकर, उसमें आग लगा देता है।
पानी में आग लगते ही चुड़ैल जलने लगती है और वह चुड़ैल(chudail) बोलने लगती है— नहीं मोंटी, मैं तुम्हारी रीमा हूं । मुझे बचा लो, मैं मर गई रे।
मोंटी रोने लगता है और कहता है —-तुम मेरी रीमा नहीं हो। तुमने मेरी रीमा को तो मार दिया। अब मैं किसी और को मरने नहीं दे सकता।
आग लगते ही चुड़ैल(chudail) खत्म हो जाती है और वह पोल चुड़ैल के साए से मुक्त हो जाता है।
![]() |
swimming pool |
यह नई भूतिया चुड़ैल कहानी (new bhutiya chudail ki kahani)आपको कैसी लगी comment करके जरूर बताइये।
इसी तरह की और भी नई नई हिंदी कहानियों को पढ़ने के लिए हमारे facebook page को like करे तथा अपने email को subscribe कर लें।
कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद ! अच्छा पढे-अच्छा सीखें।